रणथम्भोर बाघ परियोजना के बदलाव की कहानी है-
रणथंभौर की विभागिय टीम द्वारा बाघो व अन्य वन्यजीवो के संरक्षण मे इस वर्ष बेहतरीन कार्ये किये गए-
रणथम्भोर बाघ परियोजना के बदलाव की कहानी है-
पहली बार टाइगर रिजर्व में पानी के व्याप्त व्यवस्थाओ के ये सोलर की व्याप्त व्यवस्था, टाइगर प्रोटेक्शन व कंजर्वेशन के लिए 9 चौकियां ओर बॉडर होमगार्ड्स की व्यवस्था आदि के काम होते दिख रहे है और इनके अलावा किसी भी टाइगर रिजर्व के लिए सब से अहम जरूरी होती है उसकी जीवन रेखा, पेराफेरी प्रोटेक्शन रोड व रोज टाइगर की रिपोर्टिंग ।
जिस कोर एरिया में सर्वाधिक बाघ हैं और जहां से लगातार बाघ गायब होने की घटनाएं होती रही है वहा की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रोटक्शन रॉड बनाई गई और सभी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। स्टाफ के रहने के लिए बेहतरीन सुविधाओं युक्त चौकिया बनाई गई है कुछ एक का निमार्ण कार्ये प्रगर्ति पर है।
अवैध घुसपैठ पर अंकुश लगता देख कुछ एक छोटे मोटे व्यवधान उत्तपन्न हुवे जिसे कुछ निर्माणाधीन काम रुक गए तो कुछ पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज कर पुलिस सुरक्षा के बीच कामो को पूरा किया जा रहा हैं।
4 सर्वाधिक बाघ व अन्य वन्यजीवो वाली रेंजों में 70 कि.मि पेट्रोलिंग ट्रैक व 12 चोकिया बनाई गई हैं। पहले इन पेरिफेरी पर सुरक्षा का कोई पुख़्ता बंदोबस्त नही था ना चौकीयो का तो नामोनिशान था और ना ही स्टाफ को गश्त करने के किसी प्रकार का कोई ट्रेक था।
इसलिए पहले सुरक्षा दीवार के पेरिफेरी के रास्तों से अवैध गतिविधियां, अवैध घुसपैठ व शिकार जैसी कहि घटनाएं घटित होती रही थी। कभी कबार विभाग को सूचना लगती थी तो विभाग के वन कर्मियों के पास जंगल के बीच से होकर उन तक पहुंचने के रास्ते नहीं मिलते थे।
मिर्जाघाटी एरिया में वर्ष 2021 दिसम्बर माह में एक चिंकारा के शिकार की घटना हुई थी जिसमे शिकारी चिंकारा को मारकर ले जा रहे थे। जब तक विभाग के वन कर्मियों की टीम फेरफेरी से बाहर आबादी वाले एरिया से मोके पर पहुची तब तक शिकारी भाग चुके थे। इसे पहले भी बंदूकधारी शिकारी चीतल के कटे धड़ को ले जाते हुए ट्रैप कैमरे में दिखाई दिए थे, हर बार जीवन रेखा सड़क, पर्याप्त चौकिया, व स्टाफ के अभाव में यही होता रहा है शिकारी शिकार कर के हमेशा गायब हो जाता था क्योंकि जंगल में 15-20 किलोमीटर भीतर के पीएफेरी में घुसपैठ रोकने के लिए कोई स्टाफ, चौकी, रास्ते मौजूद नहीं थे।
हाल ही में किये गये सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के कार्यों को ओर आगे बढ़ाते हुवे सवाई मानसिंह अभ्यारण फलौदी वाले 636 वर्ग कि.मी तक ले जाना है।
जिससे टाइगर ओर अन्य वन्यजीवो को एक बड़ा एरिया मिलेगा, साथ ही अवैध घुसपैठ पर नियंत्रण होने से पेरिफैरी एरिया में फिर से हरा भरा जंगल डवलप होगा ओर सभी प्रकार की अवैध घटनाएं रूकेंगे।
Tags : Blog Conservation of forests and tigers latest update News Ranthambhore national park ranthambore sawai madhopur
om sai
Seo Construction
I like to make cool and creative designs. My design stash is always full of refreshing ideas. Feel free to take a look around my Vcard.
- om sai
- Februari 24, 1995
- Ranathambore National Park Rajasthan, SWM 322001
- pathikloksewa@gmail.com
- +91-6367094588
It is really a helpful blog to find some different source to add my knowledge.
ReplyDeletehouse for sale in udaipur
I found one successful example of this truth through this blog. I am going to use such information now.
ReplyDeletePretty links coupon