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Wednesday, May 24, 2023
Ranthambore Safari Zone, Ranthambore National Park is divided into ten safari zones
Ranthambore Safari Booking Procedure, There are 10 Safari Zone in Ranthambore National park
workTHE STEPS FOR RANTHAMBORE ONLINE BOOKING
THE STEPS FOR RANTHAMBORE ONLINE BOOKING
- The very first step is visiting the page Click Here On this page you to provide every detail and required information like: Sex, Age, Full Name (exactly as the ID card has it).
- Choose the safari timing (Afternoon/morning), ranthambore safari date and the type of vehicle you want to travel in (Canter/Jeep).
- Provide the numbers of identity cards accurately for all the visitors: various other IDs provided by the government, Number of the Driving license, Pan Card, Aadhar card and voter ID card number.
- For those who are foreign nationals, their passport will work as the valid ID card.
- You need to pay the entry fee for the safari in advance.
- You have to carry the same card of identity that you used during the process of Ranthambore online safari booking.
- Booking canter/jeep safari the Ranthambore NP depends on the availability of seats
- The official safari zones randomly so you cannot set your preferences Before the schedules safari begins, our teams shall pick you up from the boarding place of yours.
- You can opt for Tatkal Booking and buy safari permits from Ranthambore's booking counter. Quota of Tatkal booking is meant for both Indian visitors and foreigners but with extra charges. So, anyone who has no permit in advance, you do not have to because bookings can be done from the facility of Tatkal booking.
ABOUT RANTHAMBORE ONLINE SAFARI BOOKING :
Friday, August 26, 2022
आज ग्राम पंचायत खिलीचीपुर स्थित वृक्ष कुंज में वन महोत्सव कार्येक्रम का आयोजन वन विभाग द्वारा किया गया
सवाई माधोपुर आज दिनांक 26 अगस्त 2022 को ग्राम पंचायत खिलीचीपुर स्थित वृक्ष कुंज में वन महोत्सव कार्येक्रम का आयोजन वन विभाग द्वारा किया गया।
वन महोत्सव का आयोजन हर वर्ष जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाता है कई बार बारिश नही होने की वजह से कार्यक्रम जुलाई अगस्त में भी आयोजन किया जाता है और ये पूरे भारत में सरकारी और गेर सरकारी संगठनो द्वारा मिलकर इसका आयोजन करते है ओर इस दिन पेड़ लगाते है पेड़ो के बिना मानव जीवन की कल्पना नही की जा सकती क्योकि पेड़ मानव ही नहीं सभी जीवों का आधार है लेकिन आज के समय में औधोगिकरण इतने हो गये की हमे पता ही नही की जंगल किस रफ्तार से काटे जा रहे है, समय रहते हमे इस और ध्यान देने की बहुत जरूरत है हर एक आने वाली महामारी कुछ न कुछ सीखा कर जाति है हाल ही में कोरोना महामारी के चलते लाखो लोगो को ऑक्सीजन नही मिल पाने की वजह से जान गवानी पड़ी थी।
कार्यक्रम के मुख्य अथिति जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला व पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार विश्नोई और विशिष्ट अथिति रणथम्भोर के उपवन संरक्षक संग्राम सिंह, सामाजिक वानिकी के उपवन संरक्षक श्रवण कुमार रेड्डी, चम्बल घड़ियाल के उपवन संरक्षक अनिल यादव, रणथम्भोर के सहायक उपवन संरक्षक अरविंद कुमार झा के अलावा पथिक लोक सेवा समिति के सचिव मुकेश सीट, संस्था सदस्य, वनविभाग के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक शर्मा, विभाग के कई फील्ड अधिकारी, कर्मचारी, पर्यावरण प्रेमी, ग्रामीण व पत्रकार उपस्थित रहे।
सभी अतिथियों को विभाग के फील्ड, क्षेत्रीय अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा फूल माला पहनाकर स्वागत किया
कार्यक्रम का मंच संचालन रणथम्भोर के एसीएफ अरविंद झा ने किया, स्वागत उदबोधन डीएफओ श्रवण कुमार रेड्डी द्वारा दिया गया जिसमें कार्यक्रम में उपस्थिति सभी का स्वागत किया और विभाग की उपलब्धियां घर घर औषधि के बारे में बताया, इनके बाद संस्था सदस्य आविश शर्मा ने पर्यावरण के महत्व के बारे में बताया कि पूरे देश मे वन महोत्सव का आयोजन बड़े उत्साह के के साथ मे किया जाता है। संस्था सचिव मुकेश सीट ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुवे संस्था द्वारा रणथम्भोर ओर सामाजिक वानिकी विभागों का संस्था द्वारा किस पर्यावरण, वन एवम वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में किस तरह से सहयोग किया जाता है उसके बारेमे बताया, रणथम्भोर में नव नियुक्त आईएफएस मानस सिंह ने भी कार्यकर्म में अपने विचार व्यक्त किये, रणथम्भोर के उपवन संरक्षक संग्राम सिंह ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करे साथ ही पौधरोपण करने से ज्यादा जरूरी उनका संरक्षण करना है और संस्था पथिक लोक सेवा समिति के द्वारा किये जा रहे पर्यावरण व वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो की तारीफ की इसके बाद पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार विश्नोई ने पेड़ो के महत्व में बारे में बताया की पेड़ो का महत्व क्यो जरूरी है बताया कि जोधपुर के खेजड़ली गाँव की 361 महिलाओ ने पेड़ो को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुतियां दी थी, इसके बाद अंतिम सम्बोधन कार्येक्रम के मुख्य अथिति जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने दिया जिला कलेक्टर ने कहा कि वन विभाग के द्वारा जिले में सभी विभागों का सामंजस्य करते बेहतरीन कार्ये किया साथ ही जिले में एक वर्ष में 2 लाख से ज्यादा पौधे लगाये गए है और बताया कि जिले में विभिन्न संघठन पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतरीन कार्ये कर रहे है आज के सफल कार्यक्रम के लिए सभी का धन्येवाद दिया।
कार्यक्रम उद्बोधन के पश्चात सभी ने अल्पाहार किया उसके बाद सभी अतिथियों द्वारा पौधे लगा कर वन महोत्सव का आगाज किया गया।